मैं एक नारी हूं
मैं एक नारी हूं
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मैं एक नारी हूं...
सुशिक्षित, संस्कारी हूं...
कुदरत ने दी मुझे जो,
खूब समझती वो ज़िमेदारी हूं...
इस बात के लिए, कुदरत की...
मैं बोहोत बोहोत आभारी हूं...
हां... मैं एक नारी हूं
"मैं एक नारी हूं"
.सदियों से मुझे हर बात पर रोका गया
क्योंकि... मैं एक नारी हूं...
.रीत.. रिवाज़ के नाम पर मुझे हर तरह से मर्दों से पीछे रखा गया...
क्योंकि... मैं एक नारी हूं...
.मेरी हर इच्छा को, खुशियों को मन में ही दबाने पर मजबूर किया गया...
क्योंकि... मैं एक नारी हूं...
.मर्दों की इस दुनिया में मुझे अपनी मर्ज़ी से सांस लेना भी मना है...
क्योंकि... मैं एक नारी हूं...
. मैं भी घर के बाहर की दुनिया को देखना चाहती हूं.. पर हर कदम में बेड़ियां डाल दी गई
क्योंकि... मैं एक नारी हूं...
.सब यही चाहते हैं... कि मुझे खुद के लिए सही, गलत पर आवाज़ भी नहीं उठानी चाहिए...
क्योंकि... मैं एक नारी हूं...
.लोग अपनी नज़रों से रोज़ अपमान करते हैं...
मेरा, पर मुझे वो चुप चाप सहना होगा...
क्योंकि... मैं एक नारी हूं...
.शादी होने के बाद जो सम्मान मिलना चाहिए... वो ना मिलकर, सिर्फ तिरस्कार ही दिया जाता है...
क्योंकि... मैं एक नारी हूं...
.मां बाप शादी नहीं कर पाएंगे या कर्ज़ा करना पड़ेगा, दहेज़ बोहोत ज़ादा देना पड़ेगा... इसलिए भी मुझे जनम से पहले ही मिटा दिया जाता है...
क्योंकि... मैं एक नारी हूं...
.मर्दों की ऊंची आवाज पर चुप रहना पड़ेगा?
अगर उनके खिलाफ बोल दिया जाए तो...
बलात्कार भी हो सकता है...
क्योंकि... मैं एक नारी हूं...
.दुनिया, समाज के आगे अपने उस हक के लिए गिड़गिड़ाना पड़ता है.. जो मुझे पहले से ही मिलना चाहिए...
क्योंकि... मैं एक नारी हूं...
.बोहोत से पीड़ित मानसिकता वाले लोगो के लिए में सिर्फ लज़्जत और बातों केंद्र बन जाती हूं...रोज़
क्योंकि... मैं एक नारी हूं...
.पर समाज और कुछ लोग भूल जाते हैं.. की
मैं हूं तो हर घर किलकारियां है...
क्योंकि... मैं... एक नारी हूं...
.घर को अच्छे सहज, संभाल कर रखना..
बच्चो को संस्कार देना... मेरा सर्वोपरि धर्म है
क्योंकि... मैं... एक नारी हूं...
. घर ओर बाहर का काम ओर व्यवसाय भी एक समान संभालना भी मैं भाली भांति जानती हूं...
क्योंकि... मैं एक नारी हूं...
.मुझे गर्व है खुद पर की कुदरत ने नव जीवन की उत्पत्ति का सौभाग्य मुझे दिया है..
और इतनी शक्ति दी है कि मां, बहन, बेटी, बहू, पत्नी... सभी किरदार अच्छे से संभाल पाऊं
क्योंकि... मैं ...एक नारी हूं...
अंत:
हां.. पूजा भी जाता है मुझे, हर घर में
देवी के रूप में...
पर कोई समान नहीं देता मुझे नारी
स्वरूप में...
क्योंकि... मैं एक नारी हूं..!