मै सो गया, जागूंगा कब
मै सो गया, जागूंगा कब
मै निर्बल हूं, इस जिंदगी में।
उठ न पाया।
सर पर परिश्रम का खौफ चढ़ा है ।
किसी से न कह पाया।
शक्तिहीन बना मै सो सोकर।
अपने आपको कैसे संभाल लूंगा।
अब तो भूल गए अपना मार्ग।
मंजिल तक कब पहुंच पाऊंगा।
मै सो गया अब जागूंगा कैसे।
इस तूफ़ान के डेरे में ।
अब जाऊं कैसे अपने सोच पर।
फंस गए नींद के घेरे में।
आत्मा केवल यही कहती।
उठ जा बेटा सो न अब।
इजाज़त पाते ही खुश हो जाता हूं।
मै जाऊंगा वहां कब।
नींद खुली तब पता चला हमें।
अब देर हो चुकी अपना कार्य करने में।
अब न होगा पूरे जीवन में।
यही कार्य फिर संभालने में।