मानवता का सच्चा प्रहरी
मानवता का सच्चा प्रहरी
वह कौन हैं जो मानवता का सच्चा प्रहरी हैं,
हर घड़ी सीना ताने लड़ने को सामने खड़ी हैं !
कौन कहता हैं इस घड़ी मुसीबत बड़ी हैं,
मानवता जब हुआ खड़ा तो दूर भगी हैं !
अरे हर मसले तुम हल कर सकते हो,
ख़ुद की मज़बूती से जब तुम लड़ सकते हो !
जहां भी जाता हैं सर झुका सलाम करता हैं,
मैं सच मांनू कि वह मानवता का स्वामी हैं !
बन अज्ञानी ज्ञान का दीप जलाता हैं,
वह सदा ही जग से अंधेरा दूर भगाता हैं !