माँ
माँ
ममता की मूर्त होती है,
हर सुख दुख में साथ होती है,
चोट लगे तुझे तो दर्द खुद ले लेती है,
खुद दबकर तुझे आगे बढ़ा देती है,
खुद काटो में रहकर तुझे फूलों का कस्य दिला जाती है,
समाज से बचाती और सिखा जाती है,
रहना किस तरह तुझे ये बात बता जाती है
सुख में याद ना भी करो तो दुख में खुद चली आती है,
ये वो है जो बिन कहे सब सह जाती है हर
एक को देख जाती है,
खुद डरकर भी तुझे साहस दिला जाती है,
तुझे लड़ना किस तरह ये बात बता जाती है,
हर वक्त क्यों ये नई सीख दे जाती है,
क्यों ये औरों की तरह नहीं बन पाती है,
दुख खुद लेकर तुझे सुख दे जाती है
क्यों हर वक्त कष्ट सह जाती है....
क्या यही इसकी कहानी होती है।।।
