माँ
माँ
आज़ तक मैं यह नहीं समझ पाया
कि आपको सिर्फ मेरी आवाज़ सुनकर
यह कैसे पता चल जाता है
कि मैं दर्द में हूं।
तकलीफ़ में हूं
अभी तक खाना नहीं खाया हूं...
सच कहूं तो
आप के सिवा
इस दुनिया में
मेरे इस हँसते बोलते
मुस्कुराते हुए चेहरे के पीछे का मर्म,
और कोई नहीं समझ पाता।
