कुछ अनकही बातें
कुछ अनकही बातें
प्यार सोच के नहीं किया था
बस हो गया था
फ़र्क सिर्फ़ इतना था
तुम्हें समझना नहीं था
और हमें समझाना नहीं था
पर एहसासों को यकीन था
उन लम्हों की गवाही पर
शायद इसीलिए आज़ भी
जब कोई दिल पर दस्तक देता है
तो वहां पर तुम्हारा नाम लिखा पाता है