माँ
माँ
माँ का फर्ज निभाती है
जीवन भर कर्ज चुकाती है
बच्चों की एक खुशी के लिए
अपना सुख भूल जाती है।
रिश्तो को संजोए रखती है
सारे दर्द खुद ही सह लेती है ।
अपने बच्चों पर जब संकट आती
माँ मौत से भी लड़ जाती।
कभी खिलौना से खिलाया
कभी आँचल में छुपाया है
गलतियां करने पर भी
माँ ने मुझे प्यार से समझाया है।
माँ तो जन्नत का फूल है
प्यार करना इनका उसूल है
माँ के कदमों की मिट्टी जन्नत की धूल है ।
खुद कम खाती है
पर बच्चों को भर पेट खिलाती है।
मम्मी आप सच में महान हो
आप ही मेरी दुनिया, आप ही मेरी जहान हो।