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Sonam Patidar

Drama

3  

Sonam Patidar

Drama

मां

मां

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जब भी कोई दर्द पाया है

जुबां पर मां का नाम आया है


बड़े से बड़े दर्द में तभी तो आराम पाया है

बचपन से लेकर आज तक ना कभी कदम डगमगाया है


क्योंकि मैने मां का साथ पाया है

उसी ने उंगली पकड़ चलना सिखाया है


तभी तो आज दुनिया से कदम मिलाया है

खुद गीले में सोकर ,मुझे सूखे में सुलाया है


खुद भुखे रहकर,मुझे खाना खिलाया है

यही तो ममता का साया है


खुद रातों को जाग,मुझे गोदी में सुलाया है

हर रिश्ता धोखा दे सकता है


क्या कभी मां से धोखा पाया है

मिलता नहीं यहां हर किसी को मां का प्यार


जी रहे बिन मां के बच्चे हजार

ऐसा निस्वार्थ भाव कभी किसी से पाया है

बस इसीलिए तो भगवान ने मां को बनाया है।


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