Zalak Bhatt
Drama
कौन कहता है कि
वो हजरहजुर हो गया ?
माँ वो है जिसके लिए
ईश्वर भी मजबूर हो गया।
माँ
जागरण
दुनिया हमारी बड़ी ही है अनमोल हजारों रंग जिसमे खुदा ने रखे हैं घोल फिर भी मिलजुलकर आगे बढ़ते रहना है ... दुनिया हमारी बड़ी ही है अनमोल हजारों रंग जिसमे खुदा ने रखे हैं घोल फिर भी मिलजुल...
अब कहलाता मायका उस घर को कैसे भूल जाऊँ। अब कहलाता मायका उस घर को कैसे भूल जाऊँ।
बोलना करते हैं देते हैं बन्द जैसे इन्हें भी चुप्पी ही रास आई। बोलना करते हैं देते हैं बन्द जैसे इन्हें भी चुप्पी ही रास आई।
क्या यहीं पर आके गिरते हैं बम्ब गोले क्या यहीं से अंतरिक्ष यान की उड़ान होती है। क्या यहीं पर आके गिरते हैं बम्ब गोले क्या यहीं से अंतरिक्ष यान की उड़ान होती ...
क्यों ना प्यारी हूँ मैं ? तुझको क्यो ना प्यारी हूँ मैं ? क्यों ना प्यारी हूँ मैं ? तुझको क्यो ना प्यारी हूँ मैं ?
और स्याही से उतरते हैं तो.....कविता बनती है। और स्याही से उतरते हैं तो.....कविता बनती है।
आज मेरे लबों पर ये " काश " न आया होता। आज मेरे लबों पर ये " काश " न आया होता।
आई गईले शरद नवरातन के दिनवा ये माई मंदिरवा मे आई जा ना। आई गईले शरद नवरातन के दिनवा ये माई मंदिरवा मे आई जा ना।
अबोध बलकवा जानी जनी तू भुलईह। अबोध बलकवा जानी जनी तू भुलईह।
उसकी कविता मेरी बेटी के चेहरे पर खो जाती है। उसकी कविता मेरी बेटी के चेहरे पर खो जाती है।
उसके सपनों को बेबस करके नर तू बना हैवान है क्यूँ ? उसके सपनों को बेबस करके नर तू बना हैवान है क्यूँ ?
मुस्कुराता चेहरा गप्पें लोगों को करीब लाता है। मुस्कुराता चेहरा गप्पें लोगों को करीब लाता है।
पैसे के लिए प्यार का न करो नीलाम, परिवार के आगे स्वर्ग सुख भी है कम। पैसे के लिए प्यार का न करो नीलाम, परिवार के आगे स्वर्ग सुख भी है कम।
चले गये सब गाँव छोड़ कर ना गाँव मे अब पहली सी चहक रही। चले गये सब गाँव छोड़ कर ना गाँव मे अब पहली सी चहक रही।
तू है तो मैं हूं, तेरा होना मुझे मुझसे मिला जाता है। तू है तो मैं हूं, तेरा होना मुझे मुझसे मिला जाता है।
एक की मज़बूरी, तो शौक़ दूसरे का, देखा ये मंज़र ज़माने की बेलिबासी में। एक की मज़बूरी, तो शौक़ दूसरे का, देखा ये मंज़र ज़माने की बेलिबासी में।
इस दीवार को आधा करते हैं चलो कुछ साझा करते हैं। इस दीवार को आधा करते हैं चलो कुछ साझा करते हैं।
गाँव में मिलता सच्चा ठाँव आता हूँ, जब अपने गाँव। गाँव में मिलता सच्चा ठाँव आता हूँ, जब अपने गाँव।
बहुत से पल जो याद आएंगे फिर अब खुशी खुशी जी रहा हूँ। बहुत से पल जो याद आएंगे फिर अब खुशी खुशी जी रहा हूँ।
जिस्म को जान से फिर आज मिलाने के लिए। जिस्म को जान से फिर आज मिलाने के लिए।