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Manish Mehta

Inspirational

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Manish Mehta

Inspirational

माँ सा नहीं कोई

माँ सा नहीं कोई

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माँ सा नहीं है मेहरबाँ कोई,

महिमा इसकी कर न सका बयाँ कोई,

हर गुनाह माफ़ करता कहाँ दूसरा कोई,

हर ग़म के आने पर बहुत ये आँख रोई,

पर कर सका न मुश्किलें ये दूसरा आसाँ कोई,

माँ के पास बैठो, जो बनाना चाहे इंसा कोई,

ले लो जितनी चाहता है ख़ुशियाँ कोई,

माँ नहीं देखती बच्चों में ख़ामियाँ कोई,

चाहे बच्चा कैसा भी हो कोई।


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