माँ मैं और मुरारी
माँ मैं और मुरारी
माँ की ममता हम पे प्यारी
दुनिया में है सबसे न्यारी
सिंचित करती जीवन की क्यारी
माँ से महके घर फुलवारी।
ये बात बोले बांके बिहारी
माँ की महिमा हामी पे सारी
मैंने कहा सुनो बनवारी
हर बच्चा है कृष्णा मुरारी।
और बाला राधा सी प्यारी
फिर मुझसे बोले गिरधारी
तू तो ठेहरा कृष्णा पुजारी
क्यों करता है भूल ये भारी।
हर माँ है यशोदा सी नारी
धरा पे आके जीवन सँवारी
प्रेम पुंज से करे उजियारी
अब कर ये सूचना जनहित में जारी।
माँ के आगे छोटे त्रिपुरारी
माँ है स्वयं भगवान अवतारी।