माँ का प्यार
माँ का प्यार
एक छोटे कदम से था, तूने चलना सिखाया।
हर मुश्किल लम्हों में, मेरा हौसला बढ़ाया।।
नन्हे नन्हे हाथों ने थीं, जब थामी तेरी उँगलियाँ।
पकड़ कर उनको तब, भरोसा करना तूने बताया।।
चॉक से कलम तक सफर, मुझे तब समझ ना आया।
पर तेरी दी हुई सीख से मुझे, आज सब कुछ समझाया।।
जब भी घबराया ये मन, हर वक्त तुझे याद किया।
तेरी कोशिशों को सामने रख, हर कठिनाइयों को
आसान बनाया।।
वो तेरी ममता थी, जो आज इस मुकाम पर ले आयी।
ये ख़ूबसूरत सी दुनियाँ, जो तुने मुझे दिखायी।।
एहसान तेरा कभी, ना मैं चुका सकूँगी।
तेरे हर एक अहसास का, आदर मैं करुंगी।।
तेरी उन जिम्मेदारियों को निभाना, बारिकी से देखा है।
बस उन्हीं कदमों पर चलना, मैंने तुझसे सीखा है।।
एक परिंदे की तरह, तूने मुझे उड़ना सिखाया।
मेहनत से आगे बढ़ने वाला, एक निडर इंसान
मुझे बनाया।।
एक निडर इंसान मुझे बनाया....।।
