माँ का लाल
माँ का लाल


किसी ने पूछा की क्या करते हो मैंने कहा की अभी तो पढ़ रहा हूँ
आगे का सोचा है या पिता के पैसो पर ही जीना है?
नहीं मान्यवर मुझे अपने देश के लिए कुछ करना है
न जाने क्यों ये शब्द निकले मेरे मुख से
शायद उन्हें चुप कराना था
पर ये भी सच है की मुझे अपने आप के लिए भी कुछ कर के दिखाना था
बिना किसी मक़सद के मई फ़ौज में भर्ती हो गया
और बोरिया बिस्तर बांध कर मई अपने सफर पर नकल गया
ट्रेनिंग आसान न थी और बहुत थका भी देती थी
पर हर दिन ज़िन्दगी जीना के मक़सद बता देती थी
जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए हम तैयार थे
और तन मन के जोश से हम सब खुशगवार थे
ट्रैनिग ख़तम हुई और मई अफसर बन गया
रॉब झाड़ने अपने घर की और चल दिया
सब मिलने आने लगे और तारीफों के पूल बांधने लगे
मुझे लगा कोई नायाब खज़ाना मिल गया
एक दिन फ़ोन की घंटी बजी तो पता चला की सीनियर का कॉल आया है
उनकी बातों से मालूम हुआ की मेरा बटालियन में बुलावा आया है
माँ ने पूछा इतनी जल्दी क्या है, अभी तो आया है
पापा ने समझाया की उसे रोको मत, उसके जाने का समय हो आया है
छोटे भाई ने बोला की आने से पहले ज़्यादा दिनों की छुट्टी लेकर आना
बेहेन ने कह दिया की भैया अगली बार इतनी जल्दी मत जाना
माँ ने अचार की बरनी थमा दी और बोली की दोस्तों को भी खिलाना
घर के सरसो से मसाला बनाया है सीनियर को भी ज़रूर चखाना
मेरी छोटी बेहेन मेरी छोटी सी गुड़िया
बांध रही थी सामान के साथ मठरी और गुजिया
भाई ने अपना स्मार्ट फ़ोन दिया तो मैंने कहा की वहां नेटव्रक की प्रॉब्लम होती है
कोई बात न भैया जब भी बन पाए कॉल कर लेना तुम्हारी खबर न मिल पाए तो माँ बहुत रोती है
जाकर पता चला की कोई नयी ट्रेनिंग होनी है
जंग तो अभी नहीं है पर जुंग की तैयारी करनी है
ये तो सच है की हम सिपाही बनते ही इसलिए है की सरहद की रक्षा करे और लड़ते हुए मर जाये
की हमारे पीछे हमारे मुल्क के लोग अमन और शांति से जीते चले जाये
ट्रेनिंग ख़तम होते ही पता लगा की अब सरहद पर जाना है
और वही पर अपना पड़ाव डालना है
कड़कड़ाती ठण्ड में हम सब वहां पहुच तो गए
पर जाते ही हिम्मत के सामने प्रश्न चिन्ह लग गए
ऐसे मौसम में तो जीना भी मुश्किल है तो हम लड़ कैसे पाएंगे
कहीं जंग से पहले हम इस मौसम से ही हार तो न जायेंगे
पर फिर भी हम में एक जूनून था की अपनी धरती के लिए मर मिटना है
और सारे दुश्मनो को यहाँ से खदेड़ना है
हम सब बंदूकों को थामे इंतज़ार करने लगे
और शांत बैठ कर अपनी सांसे गिनने लगे
अचानक गोलियों की आवाज़ फिज़ाओ में गूंजने लगी
गिरते हुई लाशो को देखकर हम भाव विभोर हो गए
और अपने साथियो को आँखों के सामने मरते हुए देखने को मजबूर हो गए
फिर अचानक एक बड़े धमाके से मै वापस अपनी चेतना में आया
पता लगा की हमारा पड़ाव अब बर्फ में समां गया
किस तरफ देखु, किसको बचाओ, साथी जो अधमरा है या वो जो कुछ कह रहा है
ऐसी मुश्किल की घडी जीवन में जब आती है हमारी सोचने समझने की शक्ति भी ले जाती है
जब मौत को हम इतने करीब से देखते है तो ज़िन्दगी की सारी घटनाये आंखो के सामने से गुज़र जाती हैं
मैंने अपने आप को संभाला और दुश्मनो पर वार किया
ये सोचने लगा की उनको आज हराना है
अपने धरती माता का क़र्ज़ आज चुकाना है
मैंने बहुतो को मार गिराया और आगे बढ़ता गया
फिर एक ऐसा पल आया जब मै अकेला ही रह गया
आस पास मेरा कोई भी साथी नज़र नहीं आ रहा था
और मै हताश सा बढ़ता चला जा रहा था
कि किसी पराये को अपने धरती पर घुसने नहीं दूंगा
लडूंगा मर मिटूंगा पर उनको जीतने नहीं दूंगा
अचानक दुश्मन की एक गोली मेरे सीने से टकराई
पर मेरी जान न ले पायी
मुझे तो अभी सबको मार भगाना है
उनके झंडे को हटा कर अपना झंडा लगाना है
पर न जाने क्यों मै उठ नहीं पा रहा था
ऐस लग रहा था की इस बर्फ ने मेरे पैरो को जमा दिया है
सर्द हवा के झोखो को मै महसूस तो कर रहा था
पर कोई शायद मुझे सुन भी नहीं पा रहा था
ये मुझे क्या हो गया कहीं मै भी मर तो नहीं गया
अभी तो जंग जारी है पर अब निकल पड़ी मेरी सवारी है
अभी तो मुझे माँ से बहुत सारी बातें करनी थी
वो फोटो वाली लड़की मुझे पसंद है माँ जो तुमने दिखाई थी
उनके घर वालो से बात कर लेना
अगली बार आउंगी तो शादी भी करा देना
मुन्ने को कहना की इस बार बोर्ड एग्जाम है तो अच्छे से पढाई करे
और गुड़िया को बोल देना की मायके में अपने दिन गिनना शुरू कर दे
मेरा फ़ौज में एक दोस्त है जो उसके लिए मुझे जच गया है
सारी बातें कर ली है मैंने बस पापा का उनके घर जाना रह गया है
माँ तुम्हारा अचार सबको बहुत भाया है
हर कोई पूछता रहता है की क्या तुम्हारे घर से फिर कुछ आया है?
बहुत थक गया हूँ माँ अब उठ नहीं पा रहा
चले जाता हूँ अब कुछ समझ नहीं आ रहा
फिर लौट कर आऊंगा अगले जनम
आज तुम्हारी खाता हूँ कसम
की मई एकलौता नहीं जो इस तरह जा रहा है
हर फौजी बेटा इसी तरह अपनी जान लुटा रहा है
पता नहीं इस जुंग में कौन जीता
पर कई माँओ की गोद ज़रूर सूनी हो गयी
धरती माँ हम सब की है तो क्यों न हम अमन की आशा कर सकते है
क्या ख़ुशी ख़ुशी हम अपने सर ज़मीन पर नहीं रह सकते है?
ज़मीन के एक छोटे या बड़े टुकड़े में ऐसा क्या है जो हर कोई उसे पाने की आशा रखता है
लालच से भरा होता है देश का नेता और उसके नतीजा सारा आवाम भुगतता है
कुछ ऐसा कर दो हे भगवान् की शांति मांगे हर इंसान
कि कोई माँ को गोद न सुनी हो और किसी की राखी न रोये
कि किसी की मांग का सिन्दूर न खोये और कोई विधवा न होये
हर तरफ ख़ुशी हो और हर कोई उल्लास के गीत गाये
हम सब अपने वतन में दिवाली और ईद मनाएं
जिस तरह मै चल पड़ा हूँ अपने सफर पर अब किसी माँ का बेटा न जाए!
।