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Varsha Singh

Others

4.1  

Varsha Singh

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मेरा भाई

मेरा भाई

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कहाँ से शुरू करूँ मैं तुम्हारी बात

कैसे सँभालूँ मैं अपने जज़्बात

जब मैं थी एक नन्ही सी कली, मुझे कहीं से एक ख़ुशी मिली

तुम आये बन कर उजियारा और छिप गया अँधियारा सारा

अपने दोस्तों को झूमते हुए मैंने बताया कि आज मैंने कुछ

अनोखा पाया है

मेरे घर आँगन में छोटा सा और नन्हा सा मेरा भाई आया है


हम दो बहनों का एक ही भाई, छोटा पर सयाना जादू का पिटारा

होती थी जिससे सुबह और शाम, प्यार का था वह पैगाम

समय बढ़ता गया और हम बड़े हुए, आगे बढ़ने में लग से गए। 

हम अपने पैरो पर खड़े हो गए और जीवन में कुछ पाने के

लायक हो गए। 


फिर एक दिन वो पल भी आया जब तुमसे दूर जाने

का समय आ गया। 

मेरी शादी हुई और मैं परायी हो गयी

तुम्हारे साथ की वो घड़ियाँ न जाने कहाँ खो गयी

मैं अपने जीवन में रम सी गयी

पर वो हलकी फुलकी घड़ियाँ थम सी गयी


राखी बंधवाने तुम हर साल आते थे, तोहफ़ा भी हमेशा देकर जाते थे

दीदी पनीर को बिना फ्राई करे बनाना, और उसमे काजू की

ग्रेवी भी डालना

आलू के पराठे थोड़े करारे बनाना पर मैगी में प्याज टमाटर मत

डालना

आमलेट को अच्छे से पकाना, भिंडी के साथ बैगन भी बनाना

रायता तो बस बूंदी का और पिज़्ज़ा आर्डर करके मंगवाना


कुछ साल पहले जब हमने अपने पिता को खोया था,

हम तीनों के अलावा हर कोई ही रोया था

हमने एक आँसू भी नहीं बहाया था,

सच में हमे तो कुछ समझ में ही न आया थ। 

माँ और दादी को भी तो सँभालना था और

सारी औपचारिकताओं को भी निबटाना था । 

आज तक हम तीनों ने उस बारे में बात नहीं की

जिस तरह आँसू पी गए थे उसी तरह होठ भी सिल गए

हमारे रिश्ते के ऐसे ही सिलसिले हो गए


कहीं सुना था की पिता के जाने के बाद ब्याही हुई

बेटियों के लिए मायका पराया हो जाता है

पर मुझे तो लगता है की ऐसे समय में

भाई बहन का रिश्ता और गहरा हो जाता है

पिता हमे देता है हमारा जीवन, पर भाई हमे देता है अपना जीवन 

पिता का होना होता है वरदान,

पर पिता तुल्य भाई हमारा होता है अभिमान


मैं न कहूँगी की माँ का ख़याल रखना, क्यों

कि तुम तो हो उसका सपना

मैं तो अपने ससुराल की हो गयी पर तुम तो आज भी वही हो,

अपने सपने अपने संसार को भूल कर उसी के पास हो । 

की तुम को देख कर तो अब वो जीती है,

सूने घर में तुम्हारी ही आवाज़ गूंजती है

जीवन के इस मझधार में जब एक जान लुटाने वाला

बेटा हो तो पति को खोने का ग़म भी एक औरत भुला देती है.....। 

ऐसा बेटा पाकर तो हर माँ फिर से

एक औरत बन कर जीने की नयी राह ढूंढ लेती है। 

कहा जाता है की माँ के दूध का क़र्ज़ कोई नही चूका सकता

लेकिन मेरे भाई ने तो हम बहनों पर क़र्ज़ चढ़ा दिया है। 

अपने कर्मो से हमारा कद अपने सामने छोटा बना दिया है


हर राखी भाई दूज पर तुम्हें याद करती हूँ 

तुम्हारे सुखी जीवन के लिए दुआ और फ़रियाद करती हूँ 

की तुम जीवन में वो पा सको जो मेरे लिए एक सपना था

तुम्हें ज़ल्द वो मिल जाये तो तुम्हारा अपना था

आज राखी के दिन उदास अकेली बैठी हूँ

की कही से तुम आ जाते तो तुम्हारी फरमाइशें पूरी कर देती

तुम पर जान लुटाने वाली तुम्हरी बहन तुम्हारी झोली ख़ुशियों से भर देती

पर इतनी दूर जो ब्याहा है तुमने की हर साल मिल पाना मुश्किल है

दूरी ही सही पर फिर भी एक साथ धड़कते हमारे दिल हैं । 


जल्द ही तुम्हारे जीवन में बहार आये,

पूजा कि थाली लिए कोई हमारे घर में आरती गाये 

जो तुम्हे इतना चाहे कि तुम उसके ही हो जाओ । 

उस मुस्कान क पीछे तुम अपने दुःख को भूल जाओ

उसकी चूडियो कि खनक से मेरा मायका गूंज उठे और

 पयाल कि छनक से तुम्हारा जीवन खिल उठे


फिर हमारे घर के बाग़ में फूल खिले

कही गुलाब तो कही गेंदा मिले

उन सब के साथ तुम इतने घुल मिल जाओ कि ऐसा लगे 

कि आसमान के सारे तारे हमारे घर आँगन में जगमगा उठे है

और एक बार फिर बचपन कि दीवाली मानाने में हम सब लग गए है


शब्द कम पड़ जाते है पर तुम्हारी बातें पूरी नहीं होती

दिल वाला होगा क्या कोई, मेरा भाई सबसे बड़ा दिल वाला है। 

मुझसे आठ साल छोटा,जिसे मैंने अपने बच्चे की तरह पाला है, 

आज वो ही मेरे सारे सुख दुःख का रखवाला है।



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