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Pinki Sahu

Inspirational Others

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Pinki Sahu

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माँ का घर

माँ का घर

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मेरे कमरे के आगे सीढ़ी थी,

और वहाँ मैं घंटों बैठा करती।

डांट पड़ी हो मम्मी से अगर,

उसी जगह जा कर अपने आप से लड़ती।

घंटों बीत जाता था मैं सब भूल जाती,

नीचे उतर कर मम्मी से मिलती,

मानो कुछ भी ना हुआ हो...और

उनके बनाये मेरे पसंद का खाना खाती।

ज़िन्दगी के इस मोड़ पर भी,

उस सीढ़ी का यूँ याद आना...

बताता है कि कोई कितना भी दे दे आपको,

चुभ सा जाता है उसका हर बार एहसान गिनना।



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