मां जिसका नाम है
मां जिसका नाम है
ऐसा कौन सा दिन है जो माँ बिन पूरा हो हर दिन माँ का ही है पर फिर भी सब कहते हैं तो आज माँ के लिए माँ को प्रणाम करते हुए एक दोहावली प्रस्तुत है।
रिश्ता खूब पवित्र है जो, मां उसका है नाम।
इंसान नहीं फरिश्ता वो, मां जिसका है नाम।।
माता चरणों में बसा, देवों का ही धाम।
जीवन मधुर करती जो, मां जिसका है नाम।।
जीवन जिसकी देन ये, पूजा करो निष्काम।
मीठी-मीठी सरस ये, मां जिसका है नाम।।
गर खुद को कराना हो, तीरथ चारों धाम।
थाम लो उन चरणों को, मां जिसका है नाम ।।
जीवन नश्वर रहा सदा, मौत ही है अंजाम ।।
आनंद उन्हीं चरण मिला, मां जिसका है नाम।
कुमार अविनाश झुकाता शीश सभी माताओं को प्रणाम है
मां जिसका नाम है, मां जिसका नाम है।
