माँ भारती का अभिमान कन्हैया लाल
माँ भारती का अभिमान कन्हैया लाल
कैसे भूल सकता है भारत
सन अठारह सौ अठ्ठासी का दिन।।
हुगली बंगाल माँ भारती का लाल
कन्हैया का जन्म।।
हुगली से स्नातक की शिक्षा आजादी जज्बे का नौजवान
गोरों की मन मानी डिग्री से बेदखल।।
गद्दारी का इतिहास बहुत पुराना अपनो की गद्दारी
भारत को कई बार पड़ी भारी भारत की आज़ादी के व्यवधान खलल।।
सन ऊँन्नीस सौ आठडगलसकिंग्सफोर्ड पर लाल कन्हैया का बम धमाका चाहूं
ओर धमाके की गूंज से गोरा कंपा।।
मुखबिर अपना ही एक साथी लाल कन्हैया ने गद्दारी की सजा सुना दी।।
उड़ा दिया गोली से बता दिया गोरों को पहले साफ करेंगे गद्दारी फिर युद्ध लड़ेंगे आजादी।।
ना हो अपनो से गद्दारी आजादी
संग्राम में गद्दारी महामारी बीमारी।।
गोरों की फुट डालो राज करो नीति
नियत की शक्ति ताकत आजादी के
संग्राम गद्दारी थी भारी।।
दस नवम्बर ऊँन्नीस सौ आठ अलीपुर बंगाल के कारागार फांसी के फंदे को चूम गया भारत कन्हैया लाल।।
मात्र बीस वसन्त सावन ही देखे
मन मे नही मलाल माँ भारती का
बीर सपूत युग युवा चेतना में जगा
गया आजादी मशाल।।