Maa
Maa
कहती कुछ नहीं बस अलग अलग तरीको से प्यार जताती है
मेरे आधी रोटी मांगने पर पूरी रोटी दे जाती है
कहती है इतने से घी से कुछ नही होता इस कहकर
मेरी थाली में ओर घी डाल जाती है
ये ब्रेड बटर जैसा कोई डिश नही है मा के ब्रेकफास्ट मेन्यू में
मा तो सूजी या आटे का हलवा बनाती है ब्रेकफास्ट में
कहती है जिम जाने की कोई जरूरत नहीं
को कहता है तू मोटी है बता मुझको
जब भी घर पहुचती हु पहला शब्द माँ कहा है
यही मुँह से निकलता है
मा मेरा ये समान कहा है वो समान कहा है
मिल जाय समान फिर भी माँ से पूछने को मन करता है
माँ ही जानत है माँ से ही दुनिया है
यह हर बार कहने को मन करता है।