लम्हें जिंदगी के
लम्हें जिंदगी के
हर लम्हें जिंदगी के कुछ किस्से कुछ कहानी कह गए।
ना सुना ना देखा जिन्हें वह फसाने कह गए।।
हर लम्हों में पाया जिंदगी ने एक गीत नया।
गीत भरी इस जिंदगानी में कई अनसुने तराने कह गए।।
कुछ गीत कुछ तरानों में देखा जिंदगी ने हर एक एहसास नया।
डूबी हुई इस जिंदगानी में हम कुछ नए कुछ पुराने अफ़साने कह गए।।
गम में भी ढूंढा एक लम्हा ख़ुशी का पर तकदीर भी थी बेवफा हमसे।
गम के अंधेरों में गिरकर ख़ुशी का हर बहाना बह गया।।
अपनो से मांगा हमने एक लम्हा ख़ुशी का, लग गई नजर जमाने की।
कभी जो खुद को अपना कहते थे, जिंदगी के नए मोड़ पर बेगाने हो गए।।
लम्हें जिंदगी के कुछ किस्से कुछ कहानी हो गए।
कहीं भी तो कैसे किस्से तो सदियों पुराने हो गए।।