जिंदगी !
जिंदगी !
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जिंदगी में बदलते नए रंग है सबने देखे ,
धीरज धरिए क्यों कि
यहां पर आप अकेले नही रोए।
रोना मत।
अगर मंजिल तक पहोच नही पाए।
क्योंकि...
अपंग है कुछ लोग जो
चलना शुरू तक नही कर पाए।
डरना मत
अगर पैसे साथ नही रहे,
क्यों कि पैसो से आज तक कोई प्यार खरीद नही पाया।
लालच के इस चक्र में आप अकेले नही फसे।
कुछ लोग तो इस लालच में
अपने बचपन को खो चुके।
हाँ ! जानता हूं आज उछल रहे है
दुःख के अनमोल लहरें।
फिर भी खुश रहो क्यों कि
आज कम से कम आपने पेट भरके खाना खाया होगा।
चिंता मत कीजिए
अगर आज ख़ुश हो न पाए।
मुफ्त में मिलती है हवा
फिर भी कुछ लोग ले नहीं पाए।