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Supriya Devkar

Abstract Inspirational

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Supriya Devkar

Abstract Inspirational

लम्हे जिदंगी के

लम्हे जिदंगी के

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लम्हे जिदंगी के 

युही गुजर जाते है 

जिवन की किताब मे

किस्से यादोंके छप जाते है 


माॅ बाप के सायेमे

बचपण गुजर जाता है

संस्कारोंके आचरनसे 

जिवन सुधर जाता है 


शिक्षा से मिल जाता है 

सामुदायिक ज्ञान 

समाजमे जिने का 

समझमे आता है विज्ञान 


लम्हे जिदंगी के जिओ 

जैसे उड़ती है तितलियाँ 

जीवन बहुत छोटा है 

भूल जाओ सारी गलतियाँ।


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