लौटने की बारी
लौटने की बारी
देश की ओर
अब लौटने की बारी है
धरती माँ ने बुलाई है
भटक लिए जन -जंगल में
मेरी माँ मुझे प्यारी है
माँ की गोद की चिर शांति
इस जन –जंगल में नहीं पाई है
मेरी माँ की प्रेम दामन ने
हर पल मुझे अपनाई है
अब लौटने की बारी है।
देश की ओर
अब लौटने की बारी है
धरती माँ ने बुलाई है
भटक लिए जन -जंगल में
मेरी माँ मुझे प्यारी है
माँ की गोद की चिर शांति
इस जन –जंगल में नहीं पाई है
मेरी माँ की प्रेम दामन ने
हर पल मुझे अपनाई है
अब लौटने की बारी है।