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Abhishek Kumar

Abstract Inspirational

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Abhishek Kumar

Abstract Inspirational

लैवेंडर के फूल

लैवेंडर के फूल

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ना बीज़ की है चाहत और 

ना कोई खाद की ज़रूरत

ना माँगता हूँ कोई माली की क्यारी

समय आने पे बस खिल जाता हूँ


सड़क किनारे या पगडंडियों के पास

मैं हूँ लैवेंडर के पौधे और 

मैं करता हूँ वही काम जो मैं कर सकता हूँ

फ़िनलैंड की गर्मियों में उग आता हूँ और 


राहगीरों की नज़रों को देता हूँ शुक़ुन

और ख़ुशबू से करता हूँ उनको सराबोर

मैं हूँ लैवेंडर के पौधे और 

मैं करता रहूँगा अपने क़र्म तबतक


जबतक, बर्फ़ की मोटी चादर 

मुझे अपने आग़ोश में भरकर सुला ना दे…!


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