क्योंकि, शेर फिर से वापस आया है
क्योंकि, शेर फिर से वापस आया है
जंगल में सन्नाटा छाया हुआ है,
दुश्मन मैदान छोड़ के भाग रहा है,
आज फिर से वो दिन आय है,
क्योंकि, शेर फिर से वापस आया है।
जब भी शेर वापस आता है,
अंधेरा भी भाग जाता है,
प्रकाश की किरन दौड़ के आती है,
तब से सत्य की ही विजय होती है।
शेर तो अकेला ही आता है,
झुंड में सुअर जाते है,
आते ही वो हाहाकार मचाता है,
तब से असफलता भी नष्ट हो जाती है।
शेर होता ही है जंगल का राजा,
डरती है उससे सारी प्रजा,
नहीं देता वो सबको सजा,
क्योंकि, सत्य क न्याय ही है दरवाजा।
शेर हम सबको है होना,
डर को हमें है खोना,
असफलता से हमें नहीं रोना,
सफलता के बीज हमें है बोना......