Anju Vaish
Inspirational
हर अंधेरे को पार कर जाऊंगी,
बादलों का सीना चीर जाऊंगी
जो करदे रोशन मेरे इस जहां को,
मैं वो चांद ढूंढ लाऊंगी।
रूप की माया #...
मां जननी है स...
क्यों निराश ह...
रक्षासूत्र #र...
वृक्ष और जीवन
तब भी मैं कहूंगा। जिंदगी नहीं डरता मैं तुझसे चल हट नहीं डरता हूं मैं तुझसे। तब भी मैं कहूंगा। जिंदगी नहीं डरता मैं तुझसे चल हट नहीं डरता हूं मैं तुझसे।
माँ तुम मुझको बतलाओ धैर्य पर मैँ क्या लिख दूँ, मैं क्या कह दूँ। माँ तुम मुझको बतलाओ धैर्य पर मैँ क्या लिख दूँ, मैं क्या कह दूँ।
बीत गया जो वक्त कभी लौटकर वो ना आएगा रेत की तरह वो तुम्हारे हाथों से फिसल जाएगा! बीत गया जो वक्त कभी लौटकर वो ना आएगा रेत की तरह वो तुम्हारे हाथों से फिसल जाए...
अपनों की बात अपनों की बात
धुंआ-धुंआ भर पी लेने से क्या पाते हो मजा, जिंदगी है बहुत अनमोल, ना खुद को दो सजा। धुंआ-धुंआ भर पी लेने से क्या पाते हो मजा, जिंदगी है बहुत अनमोल, ना खुद को दो ...
पूर्व में हैं सभी सत्यवती मगर पश्चिम में बहुत करते हैं हत्याचारी। पूर्व में हैं सभी सत्यवती मगर पश्चिम में बहुत करते हैं हत्याचारी।
कमल-कंठ, कर-कमल, माँ शारदा सँवारती युग पुरुष के पाँव आज, श्रृष्टि है पखारती! कमल-कंठ, कर-कमल, माँ शारदा सँवारती युग पुरुष के पाँव आज, श्रृष्टि है पखारती!
गुरु हि साक्षात् परब्रह्म है; उन सद्गुरु को प्रणाम। गुरु हि साक्षात् परब्रह्म है; उन सद्गुरु को प्रणाम।
मगर कोई भी ख़्वाब अधूरा छोड़ना नहीं चाहती। मगर कोई भी ख़्वाब अधूरा छोड़ना नहीं चाहती।
'नश्वर-क्षणभंगुर जीवन, नश्वर यह संसार, जब तक जियो करो निस्वार्थ परोपकार।' 'नश्वर-क्षणभंगुर जीवन, नश्वर यह संसार, जब तक जियो करो निस्वार्थ परोपकार।'
फ़ौजी की मोहब्बत फ़ौजी की मोहब्बत
स्त्री एक त्राासदी है धूप और चांदनी के बीच! स्त्री एक त्राासदी है धूप और चांदनी के बीच!
गुरु से सदा लीजे आशीष, गुरु जो राह दिखाए तो मिल जाएं जगदीश। गुरु से सदा लीजे आशीष, गुरु जो राह दिखाए तो मिल जाएं जगदीश।
प्रेम रस घोलत जोहत कत तुम श्याम मुरली सोहत। प्रेम रस घोलत जोहत कत तुम श्याम मुरली सोहत।
नक्शे कदम पर चल कर तो देखो," नीरज" ने तो है आजमाया।। नक्शे कदम पर चल कर तो देखो," नीरज" ने तो है आजमाया।।
सदा रहे गुरु चरणों में, हम सब का ध्यान। सदा रहे गुरु चरणों में, हम सब का ध्यान।
मिलें हैं किसी सबब से , दो घड़ी बैठ ऐ मुसफिरे जहान मुस्करा के कुछ अपनी कह ,कुछ मेरी सुन मिलें हैं किसी सबब से , दो घड़ी बैठ ऐ मुसफिरे जहान मुस्करा के कुछ अपनी कह ,कुछ...
तू आजा अब हिन्द की पनाह भारत रखवाला हो जाये। तू आजा अब हिन्द की पनाह भारत रखवाला हो जाये।
इस सोच में हूँ क्या मुझ में अब सिर्फ एक माँ ही रहती है? इस सोच में हूँ क्या मुझ में अब सिर्फ एक माँ ही रहती है?
भव सागर से पार करवाए है गुरू को मेरा प्रणाम बारम्बार । भव सागर से पार करवाए है गुरू को मेरा प्रणाम बारम्बार ।