रूप की माया #बॉडी शेमिंग
रूप की माया #बॉडी शेमिंग
रूप की माया आनी जानी, कभी कहीं ना ठहरे।
चढ़ता सूरज चढ़ता यौवन, जैसे गंगा की लहरें।।
यह तो है सिर्फ नाम की दौलत रूप तो ढलता रहता।
समय ना रहता एक समान समय बदलता रहता।।
जो भी पाता सुंदर काया वो इस पर इतराता।
देख के जलता सुंदर चितवन और दूजो को जलाता।।
गोरी काया देख के कहीं तो यह मन हर्षाये।
कहीं घने केशो के बादल बिजली दिल पर गिराए।।
रूप के मद में इतना न पागल तुम हो जाना।
दूजो की छोटी सी कमी नजर में न तुम लाना।।
यह तो रब की रहमत जो वो रचता रहता।
ना कुछ कहता सदैव हमेशा मन की करता रहता।।
पल में काया यू जल जाती जब भी सांसे थम जाती।
और नहीं तो ढलते सूरज के जैसे ये रुक जाती।।
छोटी,मोटी,गोरी,काली लोग तो कहते रहते।
लोगों के दिल पर शब्दों के तीर चलाते रहते।।
दिल का रूप है सबसे सच्चा ये ही सच्ची माया।
समय बदले कैसे भी पर न बदले इसका साया।।