मां जननी है सर्वश्रेष्ठ
मां जननी है सर्वश्रेष्ठ
मां जननी की इस दुनिया में, नहीं है कोई मिसाल
उदर में रखा नौ मास, पूछो न प्रसव पीड़ा का हाल
गिरते हुए उठाया उसने थामा मेरा हाथ
पंख दिए मेरे सपनों को पल - पल रखा ध्यान
मां जननी की इस दुनिया में, नहीं है कोई मिसाल
है भगवान कहीं तो लेकिन पता नहीं कैसा है
लेकिन मेरी मां की सूरत में नित दिखता है
सबसे सुंदर सबसे पावन जग में यह नाता है
मां के चरणों में ही मुझको दिखता दाता है
हर पल डरती रहती काटे न कोई डाल
मां जननी की इस दुनिया में, नहीं है कोई मिसाल
सरस्वती बनकर शिक्षा देती, दुर्गा बनकर शक्ति
कभी न कम हो उसके प्रति यह मेरी भक्ति
हर एक रूप है प्यारा उसका चाहे जैसा भी हो
काली - गोरी नहीं है मां तो मां होती है
मां के बिन अस्तिव न जन का रखना सदा ख़्याल
मां जननी की इस दुनिया में, नहीं है कोई मिसाल।
