क्या करें क्यों करें
क्या करें क्यों करें


क्या करें क्यों करें किसके लिए करें,
कोई तो हमें समझाए।
मिला हैं मानव जन्म हमें,
तो कुछ अच्छा कर जाएं।
ताकि ये जीवन सफल हो जाये।।
कितना कुछ हम लोगों ने,
देश दुनिया को बदल दिया।
पर खुद को हम बदल न पाए।
बढ़ते दूसरों के कदमों को,
खिंच कर पीछे ज़रूर हम लाये।
पर खुद की सोच को हम कभी बदल नहीं पाए।।
जरा सोचो समझो करो विचार,
क्या करने जा रहे हो यार।
किया नहीं कभी भी जीवन में,
जनहित का तुम ने कोई काम
फिर क्यो उम्मीदें रखते हो,
जन प्रतिनिधि बनने की।
क्या ऐसे लोगो को समाज अपनाएगा?
सुख दुख में जो साथ दे,
वही इंसान हमें प्यारा लगता है।
अपना न होकर भी अपनों से,
बढ़ कर हमें वो लगता है।
क्योंकि ऐसे लोगो के दिल में,
इंसानियत का जज़्बात जिंदा रहता है।।
कर गुजरेंगे कुछ इस तरह से यारों।
की इतिहास के पन्नों को हम,
लोगों से उलट पलट करवा देंगे।
भूत भविष्य की सोच रखने वालों को,
वर्तमान में जीने की कला सिखला देंगे।।
मिला है मानव जन्म तो कुछ,
देश समाज के लिए करके दिखाओ।
खुद के लिए तो हर कोई जीता हैं।
कभी दूसरों के लिए जीकर दिखलाओ।
और अपने इस जन्म को सार्थक कर जाओ।।