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Deepa Jha

Romance Classics

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Deepa Jha

Romance Classics

क्या आ रहे हो तुम...?

क्या आ रहे हो तुम...?

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झट से वो गीत याद आया है मुझे,

सुना  रहीं हूँ तुम्हें

क्या सुन रहे हो तुम ?

जो वो लखनवी ओढ़नी है न दुकान में,

दिखा रही हूँ तुम्हें


क्या देख रहे हो तुम ?

देखो तुम्हारी बिल्ली लौट आयी बाहर से

क्या उसका खाना ला रहे हो तुम ?


ज़रा देखो तपती तसली छू गई मेरी बाहें,

ये जले का निशाँ दिखा रही हूँ तुम्हें

क्या सहला रहे हो तुम ?


अभी उतारा है चूल्हे पर से

ब्रेड-ऑमलेट तुम्हारे लिए

क्या उतावले हो रहे हो तुम ?


वो जो कंधे पे दर्द है तुम्हारे,

बैठी हूँ मलहम ले के

क्या आ रहे हो तुम।


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