कुण्डलिया : "छोटा परिवार"
कुण्डलिया : "छोटा परिवार"
करकै टाब्बर एक दो, रख छोटा परिवार।
लाड लडाओ खूब रै, देकै प्यार दुलार।
देकै प्यार दुलार, स्कूल म्ह भेज पढ़ाओ।
सदा रहैगी मौज, रोज फल फ्रूट खिलाओ।
कहै भारती खूब, परवरिश कर जी भरकै।
सुखी राख परिवार, टाब्बर एक दो करकै।