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Vaishnavi Pathak

Abstract

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Vaishnavi Pathak

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कुछ रिश्ते ऐसे होते

कुछ रिश्ते ऐसे होते

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खून के ना सही जीनके तार दिल के दिल से जुड़ते हैं

जो बंधन में ना बंधते हैं कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं


बिना बोले मिलों तक साथ चलते हैं

लफ्जोंके बगैर सारी बात समझते हैं


गलत लगा तो झगड़ते हैं फिर भी संग रहते हैं

उसे खोने से जो डरते हैं कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं।


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