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Priya K

Romance

4  

Priya K

Romance

कुछ दिन की

कुछ दिन की

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कभी उनकी हसी

कभी उनकी खमोशी

हाथ लागी तो बस 

कुच दीन की यह खुश किस्मतगी


कभी उनकी कशिश 

कभी अनकी तहजीब

हाथ लागी तो बस 

कुच दीन की ये शिद्दत


कभी उनकी हिचकहिचाहत

कबि उनकी गुदगुदति मसूमियत

हाथ लागी तो बस 

कुच दीन की ये भोली शरारत


कभी अनकी शर्मायी नज़र

कभी अनखी बेहकी सी अदा

हाथ लगी तो बस 

कुछ दिन की यह वहेम


कभी उनकी दुरी का साज़ा

कभी उनके क़रीब आने का ड़र्र

हाथ लागी तो बस

कुछ दिन की ख़्वाब सी हक़ीक़त।


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