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कुछ ऐसे है मेरे पापा..

कुछ ऐसे है मेरे पापा..

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कुछ ऐसे हैं मेरे पापा,

पिता कम, भाई व दोस्त है ज़्यादा !

कुछ ऐसे हैं मेरे पापा।


खुद के बारे में कभी न सोचते,

हमेशा ही मुझे खुश रखते।

कभी अपनी परेशानी नहीं दिखाते

खुद के पास कुछ न हो तब भी

कभी नहीं जतलाते।


कुछ ऐसे हैं मेरे पापा,

पिता कम भाई व दोस्त है ज़्यादा !

कुछ ऐसे हैं मेरे पापा।


अपने चेहरे पर मुस्कान हमेशा है रखते,

मुझे माँ की हर डाँट से भी बचाते,

मेरी गलती को हमेशा अपने ऊपर है लेते,

कभी मेरी आँखों में अश्रु आने न देते।


कुछ ऐसे हैं मेरे पापा,

पिता कम भाई व दोस्त है ज़्यादा !

कुछ ऐसे हैं मेरे पापा।


मेरे बिना कुछ बोले ही सब समझ हैं लेते,

त्योहारों पर नित्य मुझे नए उपहार हैं देते।

सभी मुसीबतों को हँस-हँसकर सुलझाते,

ज़रूरतमंदों की भी सदैव मदद हैं करते।


कुछ ऐसे हैं मेरे पापा,

पिता कम भाई व दोस्त है ज़्यादा !

कुछ ऐसे हैं मेरे पापा।


हम सब सदा माँ को ही धन्य मानते,

पर पिता के बारे में भूल हैं जाते।

जो दिन-रात एक कर मेहनत हैं करते,

यह सोचकर कि- ''जो मुझे नहीं मिला

वह मेरे बच्चे को मिले।"


बच्चों की भावनाओं को भी है समझते

गलती हो जाने पर ही बच्चे को डाँटते।

परंतु वे ही उनके चेहरे पर

फिर से एक बड़ी सी मुस्कान हैं लाते-


ऐसे हैं मेरे पापा

पिता कम भाई व दोस्त है ज़्यादा !

कुछ ऐसे हैं मेरे पापा !


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