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आनन्द बल्लभ

Inspirational

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आनन्द बल्लभ

Inspirational

करनी का फल

करनी का फल

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करनी फल मिलता सखे, जल्दी या कुछ देर।

निंदा, ईर्ष्या त्याग कर, राम सुमिरनी फेर।

राम सुमिरनी फेर, सिन्धु से तर जाएगा।

कर ले सच्चे काम, फूल सा खिल जाएगा।

कहे मूढ़ आनन्द, देह मिट्टी की बरनी।

गल जाये इक रोज, सदा शुभ कर लो करनी।



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