STORYMIRROR

SAROJ SETH

Inspirational

3  

SAROJ SETH

Inspirational

कोशिश

कोशिश

1 min
148

तारा वह आकाश का,

जो सबके आँखों का तारा

बनूँ तो बनूँ, ध्रुव ही बनूँ,

अंधेरे में भी राह दिखाऊं

कोशिश हमेशा मेरी।


बत्ती वह सड़क किनारे 

लाल पीला और हरा 

बनूँ तो बनूँ, हरा ही बनूँ,

आगे बढ़ने में मदद मैं करूँ 

कोशिश हमेशा मेरी।


हवा वह समंदर का, 

जाने पानी है गहरा 

बनूँ तो बनूँ, मृदुल ही बनूँ,

नाव को न कभी डूबने दूं

कोशिश हमेशा मेरी।


पतंग वह उड़ती हवाओं में 

लेके सूत का सहारा

बनूँ तो बनूँ,शक्त धागा ही बनूँ

कभी उसे मैं,न गिरने दूं

कोशिश हमेशा मेरी।


बूंद वह पानी की

प्यासे के आश से भरा

बनूँ तो बनूँ,वही बूंद ही बनूँ

प्यासे की मैं प्यास बुझाऊं

कोशिश हमेशा मेरी।


आकाश का तारा, सड़क की बत्ती 

पतंग, हवा और पानी 

बनके, जीवन औरों का कर सकूं आसानी 


कोशिश करने की कोशिश करूँ 

मन में निराशा कभी न भरूं

खुशी से रहें जग सारा 

कोशिश हमेशा मेरी।


Rate this content
Log in

More hindi poem from SAROJ SETH

Similar hindi poem from Inspirational