कोई बात बने
कोई बात बने
करो नये कुछ काज तो कोई बात बने
मिले तुम्हें भी ताज तो कोई बात बने।
नाम तेरा भी दिखे सुनहरे अक्षर में
हो तुम पर जो नाज, तो कोई बात बने।
अगर बेटियाँ उड़ें गगन में ऊपर तक
उन्हे समर्पित साज तो कोई बात बने।
अच्छा सोचो तब ही यहाँ अच्छा होगा
बचे जो सबकी लाज तो कोई बात बने।
बेटियों को हम सदा आगे बढ़ने दें
ऐसा बने रिवाज तो कोई बात बने।
देश भक्ति, सेवा अगर धरम बने "सपना"
बदले तभी समाज तो कोई बात बने।