कंप्यूटर जी
कंप्यूटर जी
कंप्यूटर जी! कंप्यूटर जी!
तुम्हारे बिना कितनी मुश्किल है जिंदगी !
तुम हो दुनिया के सबसे अच्छे आविष्कार,
मन करता है तुम्हें करूं इस्तेमाल बार-बार !
तुम्हारी तरफ सब होते आकर्षित,
तुम्हें बनाया ताकि कर सको सबका हित !
तुम्हें ज्यादा इस्तेमाल करने से आंखों पर,
पड़ता दुष्प्रभाव,
इतने मुश्किल सवालों का कैसे देते जवाब !
तुम हो इतने ज्यादा होशियार,
तुम्हारे आगे सबको माननी पड़ती हार !
कंप्यूटर जी तुम हो मेरे अच्छे दोस्त,
इतने मेहनती हो कभी ना होते सुस्त !
तुम हो इस दुनिया के सबसे बड़े विद्वान,
वाह !वाह! कितने गजब के हो तुम श्रीमान !