खूबसूरत होंगी बहुत, वो सादी ही ठीक है
खूबसूरत होंगी बहुत, वो सादी ही ठीक है
खूबसूरत होंगी बहुत, वो सादी ही ठीक है
उसे पसंद नहीं यूँ बनना संवरना, उसकी मर्ज़ी !
साज सिंगार की दुकान नहीं चाहिए
मेरे लिए वो एक हमराही ही ठीक है।
लोग लिखते होंगे शेर किसी के हुस्न को निहारते हुए
लेकिन नहीं जनाब! वो खुद ही में एक रुबाई ही ठीक है!
खूबसूरत होंगी बहोत लेकिन वो सादी ही ठीक है,
खामखाँ लोग भागते हैं अरमान-ए-हुस्न
(desire of physical beauty) के पीछे।
नितीश! मेरे लिए बस ये एक रब्त-ए-रूहानी
(spiritual relationship) ही ठीक है
सूरत-निगारों (sketch artist)की बस्ती में
सीरत की कैफ़ियत(details)
से कोई तस्वीरें नहीं बना सकता
लेकिन उसकी सीरत बता दूँ तो
पूरा मंज़र-ए- जहाँ (landscape of whole world)
बन सकता है
बस इसीलिए ए नितीश !
खूबसूरती की भीड़ मैं मेरे लिए
उसकी खूबसीरती(internal beauty) ही ठीक है !