कहर मांग लो
कहर मांग लो
मुझसे मेरी जान मांग लो या जिगर मांग लो
खबरदार नहीं तुम वतन की डगर मांग लो
हाथ ना लगाने देंगे मिट्टी वतन मरते दम तक
चढ़ जाये छाती दुश्मनों मौत मगर मांग लो।
हर जवान भारत माँ का लाल खड़ा सीमा पर
मर जाये हम शिकस्त दुश्मन खबर मांग लो
देश हर बालकआजाद भगत खान बिस्समिल है
आँख ना दिखाना भारत दुश्मन जहर मांग लो।
खुद को शेर समझते हमने माँ का दूध पिया
बनके बिजली टूट पड़े कायरों कहर मांग लो
हम वो कायर नहीं मजलूमों सितम ढाते है
सीना धधकती ज्वाला बुझे रक्त समर मांग लो।
कन्या किशोरी नहीं हर बाला लक्ष्मी बाई है
बनके काल काटे सिर कटार कमर मांग लो
अस्सी वाला बीर कुँवर काट कलाई गंगा बहाया
नतमस्तक हुआ सिकन्दर गंगा भवर मांग लो।
विश्व विजयी भारत तिरंगा बीच गगन लहराएगा
बिजली भरे वीर रगों गजल भारती बहर मांग लो।