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Ekta Doshi

Romance

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Ekta Doshi

Romance

ख़ास

ख़ास

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एक बात पूछूँ बताओगे ना...
ये जो रूठे-रूठे से रहते हो,
ये नाराज़गी सब से है या हम ही कुछ खास है?
ये जो रूखे-रूखे से रहते हो,
ये बेरुखी सब से है या हम ही कुछ खास है?
यूँ जो चुपचाप से रहते हो,
ये ख़ामोशी सब के लिए है या हम ही कुछ खास है?
एक बात कहूँ सुनोगे ना...
यूँ चाहे अनजान से रहते हो,
फिर भी जानपहचान तुम्ही से कुछ खास है,
ये जो दूर-दूर से रहते हो,
फिर भी नज़दीकियाँ तुम्ही से कुछ खास है,
ये जो दिल तोड़ते रहते हो,
फिर भी मुहोब्बत तुम्ही से कुछ खास है,
ना कोई शिकवा और नहीं कोई आस है,
हाँ बस मोहोब्बत तुम्ही से कुछ खास है.


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