STORYMIRROR

ananya rai

Abstract

4  

ananya rai

Abstract

कहां जा रहे हो?

कहां जा रहे हो?

1 min
190

बताओ बताओ कहां जा रहे हो

ना हमको सताओ कहां जा रहे हो


ज़रा देर ठहरो करो बात मुझसे

नज़र मत चुराओ कहां जा रहे हो


जो रक्खा है तुमने मेरी रह गुज़र पर

वो पत्थर हटाओ कहां जा रहे हो 


बड़े दिन पे मिलना हुआ है हमारा

तबीयत सुनाओ कहां जा रहे हो


यहां हम सफ़र से ज़रूरी है कुरबत

ये दूरी मिटाओ कहां जा रहे हो


ऐ साकी कभी तो वो जाम ए इनायत

हमें भी पिलाओ कहां जा रहे हो।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract