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सुरशक्ति गुप्ता

Abstract

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सुरशक्ति गुप्ता

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खाकी का खौफ

खाकी का खौफ

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मुद्दतों की रहमतों पर एक

सरफरोश की तमन्ना बाकी है

बाकी कुछ अब नहीं 


बरकतों की स्याह में खुद को

नीलाम करती खाकी है।


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