कड़वी बूंद
कड़वी बूंद
छूटकर एक बूंद मेरी आंखों से,
मेरे होंठों तक सरक आई।
एक कड़वाहट ज़ुबां पर ठहर गई,
कुछ निशान ज़िंदगी पर छूट गए।
एक शोर ज़हन में बस गया,
और हम हर ओर से रूठ गए।
छूटकर एक बूंद मेरी आंखों से,
मेरे होंठों तक सरक आई।
एक कड़वाहट ज़ुबां पर ठहर गई,
कुछ निशान ज़िंदगी पर छूट गए।
एक शोर ज़हन में बस गया,
और हम हर ओर से रूठ गए।