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Rahul kashyap

Romance

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Rahul kashyap

Romance

कबूतर

कबूतर

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तेरे प्यार को दिल का कबूतर बना रखा है

हां मैंने दिल में एक परिन्दा पाल रखा है।


तेरी ही गुटरगूँ से चल रही हैं सासे

हां तेरे लिए मैंने दिल मे

एक खूबसूरत आशियाना बना रखा है

हा मैन एक कबूतर पाल रखा है•••


एक कबूतर पाल रखा है।

तेरी अटखेलियों सी पहेलियों का मैन

पुलंदा बाँध रखा है

हां,मैंने उसका एक नाम रखा है


तेरी हिरनी जैसी आँखों को मैंने बही सम्भाल रखा है

हा हैं कई दरख्त कैद दिल मे मेरे

सबसे ऊपर मैंने तेरा नाम रखा है

मैंने एक कबूतर पाल रखा है


उसकी कुकुहट से देखो मुझे 

मैंने भी छत पर एक जाम रखा है।

हा मैन एक परिन्दा पाल रखा है

देखो मैने•••••••••••••••••!


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