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Pooja Ashish

Inspirational Others

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Pooja Ashish

Inspirational Others

कब तक

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स्वरचित कविता के माध्यम से जोश भरने का छोटा सा प्रयास-


अफसोस भारत माँ की इस धरती पर,

 बेटियाँ बचानी पड़ती है, 

 चीख-चीख कर जौहरी को भी,

 हीरे की कीमत समझानी पड़ती है, 

  ये कैसी उलझन है जो,

 जन्म से ही सुलझानी पड़ती है, 

 आखिर क्यूँ अपना जीवन जीने हेतु,

हमको ही अपनी महत्ता बतलानी पड़ती है?

क्यूँ हर बंधन मे हमारे लिए ही,

सीमा तय कर दी जाती है,

क्यूँ हर घर में बेटियाँ बेटे की, 

तुलना कर पाली जाती हैं ?

    इन प्रश्नों के जवाब में अब, 

    समय न यूँ बर्बाद करो, 

    उठो चलो आगे बढ़कर स्वयं को, 

    इन बेतुके बंधनों से आजाद करो, 

माना आगे बढ़ने में हमको, 

ढेरों कठिनाई आएँगी, 

किन्तु अबकी संघर्ष गाथा ये, 

अपनी दहलीज से लिखी जायेगी, 

   चलो स्वयं को इतना मजबूत करें,

   कोई शोषण न कर पाए अब,

   गर्भ में कन्या की हत्या करने वाले,

   रोयें और पछताए सब,

संस्कारों के साथ हमें अबकी,

बात ये सबको समझानी है,

हाथों में चूड़ी पहनने वालों की 

ताकत कम नहीं हो जाती है,

       वक़्त को अपना करने की, 

       अबकी अपनी ही बारी हो, 

       जो संरक्षण न मांगे कभी,

      वो जाति अब केवल नारी होl

           

     


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