जय !
जय !
अपनी जय और पराजय
पर मत कर विचार तू !
अभी तो मीलों दूर है मंज़िल
अभी से मत विचलित हो तू !
गाम-गाम से तय कर दूरी
मंज़िल करीब आने दे !
जय पराजय का हिसाब
तू दुनिया को ही लगाने दे !
कोशिश करता चल मतवाले
हौसलों को कर बुलंद !
निश्चित जय तेरी ही होगी
इरादों में रख तू इतना दम !
