जश्न जिंदगी का
जश्न जिंदगी का
अब कहां रुकने वाला यह जश्न जिंदगी का
अब कहां थमने वाला यह सैलाब बहारों का।
कुछ जीना आ गया कुछ जियाना आ गया।
कुछ यह समझो बेवजह मुस्कुराना आ गया।
काश यह फलसफा जिंदगी का हर कोई
उतार ले वाबस्ता जिंदगी में ,
जिंदगी क्या, सारा जहान एक
खुशनुमा गुलिस्ता हो जाए।
