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बस यूँ ही हर शेर गढ़ता जा कुछ इस तरह, हो जाय खुशनुमा ये जहाँ। बस यूँ ही हर शेर गढ़ता जा कुछ इस तरह, हो जाय खुशनुमा ये जहाँ।
जब तक मैं ना चाहूं... उजाला जिंदगी में मेरी,कम हो सकता नही। जब तक मैं ना चाहूं... उजाला जिंदगी में मेरी,कम हो सकता नही।
जिंदगी क्या, सारा जहान एक खुशनुमा गुलिस्ता हो जाए। जिंदगी क्या, सारा जहान एक खुशनुमा गुलिस्ता हो जाए।
यूँ ही कुछ हौसला अफजाई होती रहे ए जिंदगी आसमा मुट्ठी में हो और दोस्ती खुद से रहे। यूँ ही कुछ हौसला अफजाई होती रहे ए जिंदगी आसमा मुट्ठी में हो और दोस्ती खुद से...