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Dr. Deepak Saxena

Inspirational

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Dr. Deepak Saxena

Inspirational

जब तक मैं ना चाहूं...

जब तक मैं ना चाहूं...

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जब तक मैं ना चाहूं...

उजाला जिंदगी में मेरी,कम हो सकता नही।

खिलखिलाता हुआ यह चेहरा ,बोझिल हो सकता नहीं।

चमकती हुई ये आंखे नीरस हो सकतीं नही।

फौलादी मेरे ये कदम ,मंजिल से पहले थम सकते नहीं।

जब से जान लिया ये मैंने ,तबसे ठान लिया मन में

जब तक मैं ना चाहूं...


मंजिलें दूर सही ,रास्ते मुश्किल सही, 

हौसला मन में यहीं...मंजिले मुट्ठी में मेरी

कौन रोक सकता है मुझे ...जब तक मैं ना चाहूं ...


बदहाली , बदमिजाजी,मुफलिसी के अब हैं क्या मायने,

पहले की तरह ये मुझको रूला सकते नहीं ...

जब तक मैं ना चाहूं..


कुछ तुमने कहा ,कुछ मैंने सुना

बात कुछ तो होती थी कि परेशान होते थे हम।

पर जब से ये जान लिया

 जब तक मैं ना चाहूं...


यह मेरे दोस्त, मेरे अपने ,मेरे दूर के अपने

उनकी बातें, उनके ताने ,

अब यूं ही हैरान कर सकते नहीं।

जब तक मैं ना चाहूं..


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