ज्ञान का प्रकाश
ज्ञान का प्रकाश
ज्ञान का प्रकश---
गुरुतर गंभीर हूँ मै
क्षुद्र नहीं विराट हूँ मै
घनघोर अंधकार में
दीप प्रकाश हूँ मै
तमस मिटाने वाला
ज्ञान हूँ मै!!
गर मुझमे बदलाव किस
काम बात का ज्ञान हूँ मै!!
बोध सत्य ज्ञान हूँ मै
विनम्र सौम्य संस्कार हूँ मै
जिस डाल पैर बैठा उसी
डाल को काटने वाले का
बदलाव कालिदास हूँ मै!!
मर्यादा महिमा अहंकार
नहीं सात्विक आचरण
व्यवहार हूँ मै!!
सयम संतुलित भूषण
आभूषण आत्म
सत्यार्थ हूँ मै!!
ज्ञान ही चिंतन
ज्ञान ही विज्ञान
विधि विधान ज्ञान हूँ मै
सद्गुण गरिमा सुधार
स्वर साधना बैभव
वैराग्य हूँ मै!!
गुण कर्म का बदलाव
हूँ मै वाल्मीकि सा क्रूर
डांकू का बदल देता संसार
ज्ञान हूँ मै!!
गर मुझमे बदलाव नहीं
तो किस काम का
ज्ञान हूँ मैं!!
डांकू ब्रम्हार्षी बन जाए
अंतर मन अज्ञान अन्धकार
छट जाए तत्व तथ्य
ज्ञान हूँ मै वाल्मीकि का
बदला संसार हूँ मै!!
दर्पण मान शोध सुधार कि
प्रक्रिया पराक्रम पुरुषार्थ हूँ मै
गर मुझमे बदलाव नहीं किस
काम का ज्ञान हूँ मै!!
कर्म धर्म बोध दायित्व
बुद्धि प्रबोध परमार्थ हूँ मै
भोग विलास वासना के
नेत्र सहित अन्धो का पथ
दर्शक दृष्टि दिशा विश्वास
ज्ञान हूँ मै!!
काम वासना से
वसीभूत राम रखा
रत्नवली उपदेश
हाड मास देह शरीर
वसी भूत वासना त्याग
ज्ञान भक्त बैराग्य तुलसी
दास हूँ मै ज्ञान हूँ मै!!
वीणा पाणि कि वीणा
झंकार हूँ मै माँ सरस्वती
मेरी अधिष्ठांत्री देवी ऋषि
रत्नवली बिद्योत्मा माँ
सरस्वती स्वरुप
दैदिप्यामान
सैर्य प्रकाश हूँ मै!!
गर मुझमे बदलाव नहीं
किस बात का ज्ञान हूँ मै
तमसो मां ज्योतिर्गमय
ज्ञान गर्व अभिप्राय हूँ मै!!
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश!!
